लागत लेखांकन के सिद्धांत(Principales of cost Accounting)
लागत लेखांकन के मुख्य सिद्धांत निम्नलिखित हैं
1. लागत किए जाने के बाद ही दिखाया जाता है,
जब तक लागत खर्च नहीं किया गया हो इसे लागत नहीं माना जाता है तथा लागत केंद्र में चार्ज नहीं किया जा सकता उदाहरण के लिए सामान्य क्षति एवं क्षय संबंधित इकाई द्वारा तभी वहन किया जाएगा जब हानी उत्पन्न हो जाएगी हनी उत्पन्न होने की संभावना के आधार पर इससे संबंधित इकाई पर चार्ज नहीं किया जा सकता है
2. दोहरा लेखा प्रणाली पर आधारित है,
लागत वही एवं अन्य लागत नियंत्रण खाते भी दोहरे लेखा प्रणाली पर आधारित है
3. लागत हमेशा इसके कारण से संबंधित होती है,
सामान्यता: कारन से संबंधित होती है लागत आंकड़े का संग्रह एवं विश्लेषण उनकी प्रकृति के आधार पर किया जाता है तथा इनका अभि भाजन कारन संबंध के आधार पर किया जाता है
4. असामान्य लागते लागत खाते में नहीं दिखाई जाती है,
आग द्वारा क्षति, चोरी द्वारा क्षति, की लागत असामान्य लागत कहते हैं इन लगातो को उत्पादन लागत में शामिल नहीं किया जाता है क्योंकि इनका संबंध उत्पादन से बिल्कुल नहीं होता है इसी प्रकार आने वित्तीय प्रकृति के खर्चों को लागत लेखांकन में ही दिखाई जाता है
5. ऐतिहासिक लाख दे भावी लागतो में नहीं जोड़ी जाती है,
सामान्य सिद्धांत के अनुसार किसी खास अवधि की लागत उसी अवधि में समायोजित होती है किसी भावी लागत में नहीं हां इस नियम का भी अपवाद है
जैसे --विज्ञापन पर किया गया खर्चविज्ञापन का खर्च लाभ वाले वर्ष में ही चार्ज किया जाता है
Bebside surch, chandantirkey5567
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