सामग्री नियंत्रण का अर्थ, सामग्री के प्रकार, सामग्री के नियंत्रण के उद्देश्य, सामग्री नियंत्रण की आवश्यकता, सामग्री नियंत्रण के कार्य

 सामग्री नियंत्रण का अर्थ,


वैसे उद्योग अथवा व्यवसाय सही ढंग से अपना व्यापार संचालित कर सकते हैं जिन्हें सही मात्रा एवं मूल्य पर माल उपलब्ध हो जाए इस प्रकार नियंत्रण शब्द सामग्री पर दो तरह से नियंत्रण करने का संकेत देता है

प्रथम, सामग्री इकाई अथवा भौतिक मात्रा पर नियंत्रण जिसके अंतर्गत उत्तम करें एवं भंडारण व्यवस्था आती है ताकि सामग्री की चोरी गमन छीना झपटी आदि से सुरक्षा प्रदान की जा सके

द्वितीय, सामग्री के मूल्य पर नियंत्रण ताकि केवल इतनी ही सामग्री स्टॉक में उपलब्ध रहे जितनी की आवश्यकता है सामग्री की मात्रा इतनी कम भी नहीं होनी चाहिए जिससे उत्पादन कार्य प्रभावित हो जाए और न ही इतनी अधिक मात्रा हो कि सामग्री उपयोग रहित होकर बेकार हो जाए उस पर भी बिनियोजित पूंजी का इस प्रकार कुशल तुम प्रबन्ध हो ताकि न्यूनतम पूंजी एवं लागत पर अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके ऐसे करने से सामग्री न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध होती है तथा अधिकतम लाभ प्राप्त होता है गार्डन बी. कार्सन के शब्दों में, स्कंध नियंत्रण वह प्रक्रिया है जिसमें स्टॉक में रखी गई सामग्री तथा पुर्जों में विनियोग प्रबंधकों द्वारा निर्धारित नीतियों के अनुसार पूर्व निर्धारित सीमाओं के अंतर्गत किया जाता है |``

संक्षेप में, सामग्री नियंत्रण से आशय कच्चे माल, निर्मित माल, और और अर्धनिर्मित माल या उपकरण की भौतिक इकाइयां तथा लागत मूल्य के कुशलतम प्रबंध से है |

सामग्री के प्रकार,

सामग्री के निम्नलिखित प्रकार है_

1. कच्चे माल की सामग्री,, कच्चे माल की सामग्री के अंतर्गत यह माल आते हैं जिनसे वस्तुएं निर्मित की जाती है कच्चे माल की उचित विधि करण करके उसे निर्मित माल के रूप में परिवर्तित किया जाता है

उदाहरण, सूती वस्त्र उद्योग के लिए कपास तथा इस्पात उद्योग के लिए कच्चा लोहा आदि कच्चे माल के अंतर्गत आते हैं कभी-कभी एक उद्योग का जो निर्मित माल होता है वहीं दूसरी उद्योग के लिए कच्चा माल होता है जैसे रुई से सूत बनाने वाले उद्योग के लिए सूत निर्मित माल है किंतु यही सूत कपड़ा उद्योग के लिए कच्चा माल है

2. निर्माणाधीन माल की सामग्री, जो माल निर्माण के क्रम में अधूरा पड़ा हो उसके स्कंध को निर्माणाधीन माल की सामग्री कहते हैं ऐसे माल सामग्री श्रम एवं कर खाना से संबंधित व्यय कर दिए होते है क्रिया समाप्त होने के लिए अंतिम क्रिया बाकी रहती है वास्तव में ऐसा माल नहीं तो निर्मित माल की श्रेणी में आता है नही कच्चे माल की श्रेणी में

3. निर्मित माल की सामग्री, जो माल पूर्ण रूप से निर्मित हो चुके हो उसके स्कंद को निर्मित माल की सामग्री कहते हैं ऐसे मालो की पैकिंग अथवा फिनिसिंग बाकी रहते हैं

4. उपकरण की सामग्री, ऐसी सामग्री में मशीनों के एक स्प्लेंडर प्लस उपकरण आदि होते हैं

5. एनिमल की सामग्री, ऐसे माल का स्कंध जो उपर्युक्त श्रेणियों में नहीं आता है अन्य माल की सामग्री कहा जाता है प्ले सूती वस्त्र उद्योग के लिए रुई प्रमुख सामग्री है किंतु मशीनों को सही ढंग से चलाने के लिए तेल गिरीश व इंधन आदि की आवश्यकता पड़ती है ऐसे माल के स्कंध को अन्य माल की सामग्री के अंतर्गत रखते हैं

सामग्री नियंत्रण के उद्देश्य

सामग्री नियंत्रण का मुख्य उद्देश्य सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता से ताकि उत्पादन के कार्य में सामग्री की कमी महसूस नहीं हो सामग्री नियंत्रण के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है

1. सामग्री के असामान्य छाई व चोरी को रोकना

2. सही किस्म की पर्याप्त मात्रा में सामग्री की व्यवस्था का निर्माण कुशलता में वृद्धि करना

3. ग्राहकों के क्रय में मितव्यय बनाना

4. ग्राहकों की मन पसंद सेवा करना

5. प्रबंध को सामग्री के संबंध में निर्णय लेने के झंझट से मुक्त करना

6. कंधे में अत्याधिक भी नियोजित से बचना क्योंकि इससे अनावश्यक सामग्री का स्टॉक नहीं रह पाता है

7. सामग्री की अचानक कमी की समस्या से संस्था को मुक्ति दिलाना

8. सामग्री की अति स्टोक की समस्या से मुक्ति

9. सामग्री का लगातार नियंत्रण संभव होना

10. सामग्री से संबंधित अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन योजना संभव बनाना

सामग्री नियंत्रण के निम्नलिखित आवश्यकता होती है

1. प्रभावपूर्ण उत्पादन एवं वित्तीय नियंत्रण के लिए, सामग्री नियंत्रण के द्वारा ऐसी व्यवस्था की जाती है जिसमें उत्पादन कार्य के लिए पर्याप्त सामग्री सदैव तैयार रहती है जिसने उत्पादन प्रक्रिया में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं हो पाता

2. बजट को लागू करने में, सामग्री पर सही नियंत्रण नहीं रखा जाए तो स्टोर रूम का प्रशासन ठीक नहीं रह पाएगा और इस प्रकार कितना भी कठोर बजट क्यों नहीं बना लिया जाए उसे लागू करना कठिन होगा

3. स्टोर रूम को व्यवस्थित रखना, सामग्री नियंत्रण दोबारा स्टोर में केवल इतनी ही सामग्री रहती है जितनी की आवश्यकता होती है अर्थात ना काम ना देखें किसी ने ठीक ही कहा है best store room is no store room at all स्कंध नियंत्रण से सामग्री का अपव्यय नहीं हो पाता है

4. लागत लेखों के लिए आवश्यक, सामग्री पर सही नियंत्रण रखकर लेखों की संदिग्ध को समाप्त किया जा सकता है

5. उत्पादन तथा विक्रय में संतुलन, सामग्री नियंत्रण से आवश्यक सामग्री की मात्रा में कमी नहीं आती है और साथ ही बिक्री के लिए कितनी वस्तुएं आवश्यक है तथा कितनी वस्तुएं हैं अभी स्टॉक में है इन सभी बातों पर विचार करके उत्पादन का परिणाम निर्धारित किया जाता है दूसरे शब्दों में सामग्री नियंत्रण उत्पादन तथा विक्रय में सामंजस्य स्थापित करता है

6. मशीनों का लागत है क्रिया होना चाहिए, सामग्री की नियमित परवाह से मशीन बंद नहीं होती कई उद्योगों की ऐसी प्रकृति होती है कि एक बार मशीन बंद हो जाने के बाद पुनः मशीनों को चालू करने में काफी ब्याह करने पड़ते हैं जिसके परिणाम स्वरूप वस्तु की लागते भी अनावश्यक रूप से बढ़ जाती है

सामग्री नियंत्रण का क्षेत्र,

सामग्री नियंत्रण के अंतर्गत सम्मिलित की जाने वाली प्रमुख क्रियाएं निम्नलिखित है

A. सामग्री नियंत्रण की तकनीक के

1. एबीसी विश्लेषण

2. स्कम का स्तर का निर्धारण

3. कार्तिक आदेश मात्रा विश्लेषण

4. निरंतर आगनन तकनीत

B. सामग्री क्रय

C. सामग्री का भंडारण

D. सामग्री का निगमन

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