लागत लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Cost Accountion)
लागत लेखांकन का अर्थ : -
अर्थ {Meaning} - जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट होता है कि या किसी वस्तु की सेवा लागत ज्ञात करने की एक वैज्ञानिक प्रणाली है जिसके आधार पर उस वस्तु या सेवा की लागत का अधिकतम शुद्ध अनुमान लगाया जा सके इसके अंतर्गत उत्पादित वस्तुओं या सेवा पर होने वाले व्ययो व उनसे प्राप्त लाभों का लेखा किया जाता है तथा और आधार ज्ञात किया जाता है जिस पर विभिन्न व्ययाे की गणना की गई है व उनका उप विभाजन किया गया है एवं उस वस्तु या सेवा की प्रति इकाई लागत एवं कुल लागत भी ज्ञात की जाती है इसके अंतर्गत लागत पर नियंत्रण भी किया जाता है इस प्रकार लागत लेखांकन वह प्रणाली है जिसके अंतर्गत निर्मित वस्तु या सेवा की लागत ज्ञात की जाती है या उस पर नियंत्रण रखा जाता है
यहां यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि लागत लेखांकन परी व्ययांकान से भिन्न है
परिव्ययांकन एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा लागत का निर्धारण किया जाता है इसके अंतर्गत उन सिद्धांतों एवं नियमों का अध्ययन किया जाता है जिसके द्वारा वस्तु या सेवा की लागत की सही गणना संभव होती है,
इस प्रकार लागत लेखांकन एक व्यापक शब्द है जिसमें परी व्ययांकन भी सम्मिलित है किंतु अध्यापकों एवंविद्यार्थियों के अध्ययन की दृष्टि से इन दोनों शब्दों का प्रयोग एक ही अर्थ में किया जा रहा है
लागत लेखांकन की परिभाषाएं : -
लागत लेखांकन की परिभाषा विभिन्न विद्वानों ने अलग-अलग प्रकार से दिए हैं
1. कार्टर के शब्दों में, किसी वस्तु के निर्माण अथवा किसी उप कार्य पर प्रयुक्त सामग्री तथा श्रम का खातों में लेखा करने की प्रणाली को लागत लेखांकन कहते हैं
2. आर. आर. गुप्ता के शब्दों में, लागत लेखे लेखों की एक ऐसी प्रणाली है जिसके द्वारा व्ययो का विश्लेषण इन प्रकार किया जाता है की उत्पादन की एक विशेष इकाई की कुल लागत उचित शुद्धता के साथ जानी जा सके और यह दिखा सके कि ऐसी कुल लागत किस प्रकार आई है
3. बिग के शब्दों में, लागत लेखांकन व्ययो के ऐसे विश्लेषण एवं वर्गीकरण का आयोजन है जिससे उत्पादन की विशेष इकाई की कुल लागत का निर्धारण उचित शुद्धता के साथ किया जा सके और साथ ही यह भी जा ना जा सके कि कुल लागत किस प्रकार आई है
4. एल. आर. डिक्सी के शब्दों में, लागत लेखे वित्तीय लेखों के पूरक अथवा सहायक लेखे है और जो किसी संस्थान अथवा उसके किसी विभाग की क्रिया की विस्तृत लागत से संबंधित अतिरिक्त सूचनाएं प्रदान करने के लिए तैयार किए जाते हैं उसे लागत लेखांकन कहते हैं
5. आई. सी. डब्ल्यू. ए. लंदन के शब्दों में,
{A} उस बिंदु से जिस पर व्यय हुआ है अथवा व्यय हुआ माना गया है लागत केंद्रों तथा लागत इकाइयों से अंतिम संबंध स्थापित करने तक की लागत का लेखा करने की प्रक्रिया को लागत लेखांकन कहते हैं इसके व्यापक प्रयोग में सांख्यिकी आंकड़े की परिकल्पना लागत नियंत्रण विधियों का प्रयोग तथा कार्यात्मक एवं नियोजन क्रियाओं के लाभदायक ता का निर्धारण भी सम्मिलित होता है
{B} लागत लेखांकन लागत ज्ञात करने की तकनीक एवं प्रक्रिया है
निष्कर्ष : -
लागत लेखांकन के अर्थ तथा परिभाषा के अध्ययन करने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि लागत लेखांकन वित्तीय लेखांकन का एक ही अंग है जिसके अंतर्गत सामग्री श्रम तथा व्यय का ऐसा विस्तृत व्यवहार रखा जाता है जिससे किसी वस्तु अथवा सेवा की कुल लागत एवं प्रति इकाई लागत का ज्ञात प्राप्त किया जा सके साथ ही यह भी जान सके कि विभिन्न प्रकार के व्यय प्रति इकाई लागत में कौन सा भाग रखते हैं लागत लेखांकन की उपयुक्त परिभाषा निम्न प्रकार दी जा सकती है लागत लेखांकन का आशय उत्पादों अथवा सेवाओं की लागत निर्धारित करने के लिए नियंत्रण व प्रबंधक के मार्गदर्शन हेतु समुचित रूप से संकलित आंकड़े को प्रस्तुत करने के लिए व्यय के वर्गीकरण अभी लेखन एवं व्यवस्थित विभाजन है।
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Thanks you chandan ji
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