ऐतिहासिक शोध विधियां

प्रश्न : - ऐतिहासिक शोध विधियां तथा इसके महत्व को लिखे

उत्तर :- ऐतिहासिक शोध विधियां निम्नलिखित है

* ऐतिहासिक शोध विधि में भविष्य को समझने के लिए भूतकाल से संबंधित समस्याओं का विश्लेषण किया जाता है

* ऐतिहासिक शोध का संबंध ऐतिहासिक समस्याओं के वैज्ञानिक विश्लेषण से है इसके विभिन्न चरण भूतकाल के संबंध में एक नई चुनौती पैदा करते हैं जिसका संबंध वर्तमान और भविष्य होता है

* साधारण शब्दों में कह सकते हैं कि ऐतिहासिक शोध अतीत की घटनाओं विकास कर्मों का वैज्ञानिक अध्ययन है इसके अंतर्गत उन बातों या नियमों की खोज की जाती है जिन्होंने वर्तमान में एक विशेष रूप प्रदान किया हो

* इनके द्वारा अतीत की सूचनाओं एवं सूचना संपर्कों के संबंध में परमाणु की वैधता का सावधानीपूर्वक निरीक्षण किया जाता है और निरीक्षण किए गए परमाणु की सावधानी पूर्वक व्याख्या की जाती है

* ऐतिहासिक शोध का निम्नलिखित महत्व है

किसी शोध समस्या का अध्ययन अतीत की घटनाओं के आधार पर करना जिससे यह पता चल सके कि समस्या का विकास किस प्रकार और क्यों हुआ उसे ऐतिहासिक शोध कहते हैं

* वर्तमान का अतीत के आधार पर ज्ञात किया जाता है

ऐतिहासिक शोध के आधार पर सामाजिक मूल्यों और व्यवहार प्रतिमाओं का अध्ययन करके इस इस के संबंधित समस्याओं के के उद्गम और विकास के बारे में अज्ञात किया जा सकता है

* परिवर्तन की प्रकृति के बारे में जानने में सहायक

सामाजिक परिवर्तन संस्कृति परिवर्तन औद्योगिकरण नगरीकरण क्षेत्रीय कारण से संबंधित समस्याओं की परिवर्तन की प्रकृति को ऐतिहासिक शोध के प्रयोग द्वारा समझा जा सकता है

  * व्यवहारिक उपयोगिता

शोधकर्ता द्वारा की गई नई योजना के क्रियाकलाप हेतु वह ऐतिहासिक शोध द्वारा भविष्य में इस योजना से संबंधित गलतियों को वर्तमान में सुधार आ जा सकता है तथा अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने का प्रयास किया जा सकता है

* भविष्य के प्रभाव का मूल्यांकन

व्यवहारिक विज्ञानों में कई समस्याओं का क्रमिक विकास हुआ है इन समस्याओं पर अतीत के अभाव को ऐतिहासिक शोध विधि द्वारा समझा जा सकता है

                         ऐतिहासिक शोध की सीमाएं

* तिथियों की  बिखराव 

                              - ऐतिहासिक शोध की शोध समस्या से संबंधित तथ्य का स्थान पर प्राप्त नहीं होते हैं इसके लिए शोधकर्ता को कई स्थानों और पुस्तकालयों का संदर्भ लेना होता है कभी-कभी समस्या से संबंधित पुस्तक के लेखक पत्र-पत्रिका है बहुत पुरानी होने पर इनके कुछ भाग नष्ट होने के कारण आंशिक रूप से उपलब्ध हो पाते हैं

* सीमित उपयोग --

                         ऐतिहासिक सोच का प्रयोग उन्हीं समस्याओं के अध्ययन में हो सकता है जिनको ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से संबंधित पर लेख पांडुलिपि अथवा आंकड़ों तथा तथ्यों से संबंधित सामग्री उपलब्ध हो

* तथ्यों का गलत ढंग से रखरखाव --

                                               पुस्तकालय तथा अनेक संस्थाओं में कभी पर लेकर में नहीं होते हैं अन्यथा कभी-कभी गलत गलत ढंग से रखरखाव के कारण उपलब्ध नहीं होते हैं

* तथ्यों की वस्तुनिष्ठ --

                              ऐतिहासिक शोध में तथ्यों का संग्रह अध्ययन करता के पक्षपातो अभिवृत्तियो मतों और व्यक्तिगत विचारधाराओं से प्रभावित होता है जिसका परिणाम की विश्वसनीयता और वैधता आपातकालीन रहती हैं

               वर्णनात्मक शोध विधि :-

* वर्णनात्मक शोध वर्तमान परिस्थितियों विश्वास और विचारधाराओं अभिवृत्ति ओं का वर्णन एवं विश्लेषण करता है वर्णनात्मक शोध का मुख्य उद्देश्य दशाओं क्रियाओं अभिवृत्ति ओं तथा स्थित के विषय में ज्ञान प्राप्त करना है वर्णनात्मक शोधकर्ता समस्या से संबंधित केवल तथ्यों को एकत्र ही नहीं करता है बल्कि वह समस्या से संबंधित विभिन्न चारों में आपसी संबंध भी ढूंढने का प्रयास करता है


वर्णनात्मक विधि को निम्नलिखित तीन मुख्य भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है

1 सर्वेक्षण अध्यान

2 अंतर संबंधों का अध्ययन

3 विकासात्मक अध्यान

1 सर्वेक्षण अभियान निम्नलिखित है

* वर्तमान स्तर का निर्धारण

* वर्तमान स्तर और मान्य अस्तर में तुलना

*वर्तमान स्तर का विकास करना एवं उसे प्राप्त करना

2 अंतर संबंधों का अध्ययन निम्नलिखित है

* इसमें शोधकर्ता केवल वर्तमान स्थिति का ही सर्वेक्षण नहीं करता बल्कि उन तत्वों को ढूंढने का प्रयास भी करता है जो घटनाओं से संबंधित हो

* व्यक्ति अध्ययन :-- इसके अंतर्गत किसी सामाजिक इकाई एक व्यक्ति परिवार समूह सामाजिक संस्था अथवा समुदाय का गहन अध्ययन किया जाता है

* सह संबंधआत्मक अध्ययन :--यह दो या दो से अधिक चारों घटनाओं या वस्तुओं के पारंपरिक संबंध के अध्ययन से संबंधित है उदाहरण के रूप में यदि शोधकर्ता बालक के पोषण और शारीरिक विओकास के संबंध का अध्य9यन करना चाहता है तो वह सह संबंध शोध का प्रयोग करेगा

* तुलनात्मक अध्ययन :-- इसके अंतर्गत किसी समस्या के समाधान को उसके कारक संबंधों के आधार पर ढूंढा जाता है तथा यह जानने का प्रयास किया जाता है कि विशेष व्यवहार परिस्थितियां था घटना से घटित होने से संबंधित कारक कौन-कौन से हैं

3 विकासात्मक अध्ययन :-- विकासात्मक अध्ययन और तुम्हारी स्थिति एवं पारंपरिक संबंध के साथ यह भी स्पष्ट करता है कि समय के साथ इन में क्या परिवर्तन आया है इसके अंतर्गत शोधकर्ता लंबे समय तक चोरों के विकास का अध्ययन करता है

* उन्नति का अध्ययन:-- यह वास्तव में ऐतिहासिक अध्ययन और सर्वेक्षण शोध का मिश्रण है इस शोध विधि द्वारा सामाजिक राजनैतिक और और आर्थिक आंकड़े प्राप्त किए जाते हैं किए जाते हैं आंकड़ों के विश्लेषण द्वारा वर्तमान उन्नति की व्याख्या और वर्णन किया जाता है

                प्रयोगात्मक शोध विधि :--

यह शोध की एक प्रमुख विधि है प्रयोगात्मक में कार्य कारण संबंध स्थापित किया जाता है प्रयोगात्मक शोध विधि  नियम पर आधारित होती है प्रयोगात्मक शोध का आधार अंतर की विधि है इस विधि के अनुसार यदि दो प्रस्तुति सभी दृष्टि ओं से समान है तथा यदि किसी 4 को एक परिस्थिति में जोड़ दिया जाए तथा दूसरी स्थिति में नहीं जोड़ा जाए और यदि पहली परिस्थिति में कोई परिवर्तन दिखाई दे तो वह परिवर्तन उस 4 के जुड़ने के कारण होगा यदि किसी एक परिस्थिति में 14 हटा लिया जाए तथा दूसरी परिस्थिति में उच्च को ना हटाया जाए तब यदि पहली परिस्थिति में कोई परिवर्तन होता है तो वह उस जल को हटा लेने के कारण होगा

* प्रयोगात्मक समूह :--इस समूह में शोधकर्ता द्वारा स्वतंत्र चर में जोड़-तोड़ किया जाता है या सीधी किया जाता है कि यदि कारण है तो इसका प्रभाव होगा

* नियंत्रित समूह :-- इस समूह में शोधकर्ता द्वारा स्वतंत्र चर में कोई जोड़ तो नहीं किया जाता है यदि सिद्ध किया जाता है कि यदि कारण नहीं है तो इसका प्रभाव भी नहीं है

             गुणात्मक शोध विधि

गुणात्मक शोध विधि निम्नलिखित है इस विधि में चारों का उनके गुणों के आधार पर विश्लेषण किया जाता है गुणात्मक से तात्पर्य है कि गैर संख्यात्मक आंकड़ों का संग्रह या ग्राफ या आंकड़ों से सूरत की विशेषताओं का आधारित स्पष्टीकरण है

* गुणात्मक शोध का केंद्र बिंदु विशेष परिस्थिति संस्थाएं समुदाय या मानव समूह होता है

* यह मात्रा प्राप्तांक को मापन तथा सांख्यिकी विश्लेषण के स्थान पर चिन्हित कारणों व्याख्यान और निहित अर्थो पर बल देता है

* इसमें संगठनात्मक है क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है

* यह संरचित उपकरणों के अस्थान पर व्यक्तियो का अनुभव को बल देता है 

* इस विधि में प्रतिदर्श संख्या कम होती है


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