लागत लेखांकन के लाभ/ महत्व (Advantages/Importance of cost Accounting)
लागत लेखांकन के लाभ/महत्व
वर्तमान औद्योगिक युग में जबकि औद्योगिक तकनीकी जटिल होती जा रही है लागत लेखांकन का महत्व निरंतर बढ़ता जा रहा है विभिन्न उत्पाद को के बीच बालाघाट प्रतियोगिता पाई जाती है एक उत्पादक दूसरे से आगे बढ़ने के लिए प्रयास करते रहते हैं ऐसी स्थिति में लागत लेखांकन के अभाव में किसी भी उत्पादक के लिए बाजार में टिक पाना असंभव प्रतीत होता है इसके अब हम उत्पादक को भारी हानि उठानी पड़ सकती है इस प्रकार लागत लेखांकन उत्पादकों के लिए महत्वपूर्ण तो है आने पक्षों,
जैसे : - कर्मचारियों, नियोक्ताओं, उपभोक्ताओं तथा राष्ट्र एवं समाज के लिए कम महत्वपूर्ण नहीं है विभिन्न पक्षों के लिए लागत लेखांकन के महत्व का स्पष्टीकरण नीचे बताया जा रहा है
{A} उत्पादको को लाभ (Advantages om the producers)
1. सामग्री पर नियंत्रण,
लागत लेखांकन विभाग द्वारा सामग्री का भंडारण एवं निर्गमन पर नियंत्रण रखा जाता है जिससे सामग्री की चोरी छिनन एवं अन्य प्रकार की बर्बादी आदि न्यूनतम हो जाती है इसका परिणाम यह होता है कि प्रति इकाई सामग्री की लागत न्यूनतम होती है जिससे वस्तु की निर्माण लागत में भी कमी आती है परंतु उत्पादक के लाभ में वृद्घि होती है
2. निविदा मूल्य का निर्धारण,
निविदा मूल्य के निर्धारण हेतु गत वर्ष के लागत की आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति लागत लेखांकन से ही संभव है अत: लेखांकन से निविदा मूल्य के निर्धारण मैं सहायता मिलती है
3. श्रम पर नियंत्रण,
श्रम पर नियंत्रण हेतु श्रम नियंत्रण विभाग होता है यह उनके आवागमन कार्य परिश्रमिक आदि पर उचित नियंत्रण रखता है जिसके परिणाम स्वरूप शर्म की कार्य क्षमता में वृद्धि होती है और प्रति इकाई श्रम लागत कम होती है इसके अंतर्गत श्रमिकों के बीच कार्य का बंटवारा उनकी रूचि एवं कार्य क्षमता का योगदान के आधार पर किया जाता है तथा उन्हें उनके द्वारा किए गए कार्य के अनुरूप परिश्रमिक दिया जाता है
4. विक्रय मूल्य का निर्धारण,
व्यापारिक सफलता के लिए उचित मूल्य का निर्धारण अत्यंत आवश्यक है इसके अभाव में इस प्रति स्पर्धा युग में व्यवसायिक सफलता के कल्पना तक नहीं की जा सकती है विक्रय मूल्य निर्धारित करने के पूर्व सर्वप्रथम सही लागत ज्ञात आवश्यक होता है और उसमें एक निश्चित प्रतिशत नाम जोड़कर विक्रय मूल्य का निर्धारण होता है परंतु लागत लेखांकन के अभाव में न तो सही लागत का निर्धारण संभव है और नल आपका ही
5. खर्च पर नियंत्रण,
इसके अंतर्गत विभिन्न विभिन्न ऊपरी खर्चे पर नियंत्रण रखा जाता है इन खर्चों को कम या न्यूनतम करने का हर संभव प्रयास किया जाता है जिससे प्रति इकाई कुल लागत कम होती है और उत्पादक का लाभ बढ़ता है
6. यंत्रों के उपयोग पर नियंत्रण,
लागत लेखांकन विभाग द्वारा यंत्रों के उपयोग पर भी नियंत्रण में रखा जाता है तथा मशीन घंटा दर की गणना कर यंत्रों की कार्य क्षमता ज्ञात की जाती है यदि किसी मशीन की मशीन घंटा दर में वृद्धि होती है तो इसकी जानकारी शीघ्र हो जाती है अतः मशीन में व्याप्त दोषों का शीघ्र निराकरण कर उसकी कार्यक्षमता बढ़ाई जाती है
7. विभागों की लाभदायकता का अज्ञात,
लागत लेखों की भाग द्वारा अलग-अलग विभागों का लाभ हानि खाता अलग-अलग तैयार किया जाता है जिससे अलाभकर विभागों ओ के संबंध में जानकारी हो जाती है अतः हानि में चलने वाली विभागों को बंद करके कुल को बढ़ाया जा सकता है
8. व्यवसाय का सक्षम प्रबंध,
लागत लेखांकन की सहायता से प्रबंध को व्यवसाय के विभिन्न विभागों के प्रबंध की जानकारी प्राप्त होती है जिससे कहा परिवर्तन किया जाना आवश्यक है तथा प्रबंध में निर्णय लेना सरल हो जाता है इस प्रकार लागत लेखांकन की मदद से व्यवसाय का कुशल प्रबंध संभव हो पाता है
9. नीति निर्धारण में सहायक,
प्रत्येक व्यवसाय का प्रबंधन भविष्य के लिए कुछ योजनाएं बनाता है तथा उन्हें लागू करने के लिए नीति निर्धारण करता है भविष्य में किस वस्तु का उत्पादन करना है किस वस्तु का उत्पादन बंद करना है इस संबंध में निर्णय लागत लेखांकन द्वारा प्रदत सूचनाओं के आधार पर ही लिया जाता है संक्षेप में भविष्य की नियोजन एवं नीति निर्धारण का आधार वर्तमान लागत लेखांकन द्वारा प्रदत सूचना दी है
10. विक्रेताओं की कार्यकुशलता का ज्ञान,
लागत लेखांकन के अंतर्गत अलग-अलग विक्रेताओं द्वारा की गई बिक्री का अलग-अलग लेखा रखा जाता है जिससे प्रत्येक विक्रेता की कार्यकुशलता की जानकारी प्रबंध को होती रहती है इससे उनकी कार्यकुशलता बढ़ाने तथा परिश्रमिक निर्धारित करने आदि में काफी मदद मिलती है
{B} कर्मचारियों को लाभ (Advantages to the Employees)
लागत लेखांकन के ही आधार पर श्रमिकों को उनका उचित पारिश्रमिक मिल पाता है इससे कुशल श्रमिकों को अपनी कुशलता का परिचय देने की प्रेरणा मिलती है साथी अकुशल श्रमिक कुशलता की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित होते हैं श्रमिकों की मजदूरी तथा बोनस कि दरे ज्ञात रहती है जिस से मिलने वाले पारिश्रमिक की गणना वह स्वयं कर लेते हैं इस प्रकार लागत लेखांकन के प्रयोग श्रमिक शोषण मुक्त हो पाते हैं और उन्हें अधिक परिश्रमिक पाने की प्रेरणा मिलती है संक्षेप में लागत लेखांकन से श्रमिकों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं
(a) उचित पारिश्रमिक की प्राप्ति
(b) अधिक कार्य करने की प्रेरणा
(C) श्रमिकों एवं नियोक्ताओं के बीच संघर्ष का अभाव
{C} विनियोजको को लाभ (Advantages to the Investtores)
प्रत्येक विनियोजक अपने विनीयोग की सुरक्षा चाहता है तथा विनियोग पर अधिक दर से प्रत्यय चाहता है लागत लेखांकन की सहायता से भी वीनियोजको को किसी खास व्यवसाय के लाभ लाभारजन क्षमता की सही जानकारी होती है जिससे वे अपने धन का विनियोग अच्छा व्यवसाय में करने संबंधी सही निर्णय लेने में सक्षम हो पाते हैं सामान्य तौर पर बैंक तथा वित्तीय निगम किसी व्यवसाय को ऋण देने के पूर्व उसके लागत लेखांकन के आधार पर लाभ अर्जन क्षमता का अध्ययन कर लेते हैं
{D} उपभोक्ताओं को लाभ (Advantages to the Consumers)
लागत लेखांकन का उत्पादन लागत पर नियंत्रण रखता है तथा उत्पादन के साधनों का सर्वोत्तम प्रयोग करवाता है परिणाम स्वरूप वस्तु या सेवा की उत्पादन लागत न्यूनतम होती है फल स्वरुप विक्रय मूल कम होता है और उन्हें अच्छी किस्म की वस्तुएं कम कीमत पर उपलब्ध हो पाती है संक्षेप में लागत लेखांकन से उपभोक्ताओं को अग्रलिखित लाभ प्राप्त होते हैं
a. सस्ती वस्तु की प्राप्ति,
b. मूल्यों में स्थिरता,
c. अच्छी किस्म की वस्तुओं की प्राप्ति,
d. नवीनतम वस्तु की प्राप्ति
{E} राष्ट्र व समाज को लाभ (Advantages to the Nation and society)
वर्तमान युग नियोजन का युग है प्रत्येक देश की सरकार अपने देश का आर्थिक विकास करने के लिए योजनाएं बनाती है योजनाओं के लिए लागत खर्च के आंकड़े एकत्रित करने की आवश्यकता पड़ती है उन आंकड़ों के आधार पर सरकार यह निर्णय लेती है कि किस उद्योग को बढ़ावा दिया जाए तथा किस को आर्थिक सहायता इसके अलावा सरकार प्रत्येक विभाग के लिए बजट बनाते हैं तथा बजट नियंत्रण द्वारा इन पर नियंत्रण भी रखती है इसी प्रकार प्रमाणित लागत बद्दी से विकास योजनाओं पर होने वाले खर्च को नियंत्रित किया जाता है
उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि लागत लेखांकन से विभिन्न क्षेत्रों में अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं इसके अभाव में औद्योगिक प्रगति की कल्पना कोरी कल्पना ही होती है लागत लेखांकन द्वारा उद्योगों की प्रगति औद्योगिक उत्पादन में नित नई प्रक्रिया का विकास उद्योगों का कुशल प्रबंध तथा श्रमिकों की कार्यकुशलता में वृद्धि होते हैं
वेबसाइट, सर्च, Chandantirkey5567
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें